विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत सीतापुर के गांव-गांव पहुँच रहा तकनीकी ज्ञान और विकास का संदेश
कृषि विज्ञान केंद्र, कटिया, सीतापुर द्वारा “विकसित कृषि संकल्प अभियान” के अंतर्गत जनपद के तीन विकासखंडों के नौ चयनित ग्रामों में एक साथ जागरूकता एवं तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। यह अभियान भारत सरकार के “विकसित भारत @2047” कार्यक्रम की भावना के अनुरूप किसानों को जागरूक करने, तकनीकी ज्ञान प्रदान करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से संचालित किया गया।
इस अभियान में तीन अलग-अलग वैज्ञानिक टीमों द्वारा कार्यक्रमों का संचालन किया गया। टीम-1 के रूप में डॉ. सचिन प्रताप तोमर के साथ विषय वस्तु विशेषज्ञ- दीपेश कुमार सिंह, ए.डी.ओ-कृषि रविंद्र कुमार, विशाल वर्मा, अतुल कुमार वर्मा, सरोज कुमार एवं ग्राम प्रधान जनार्दन बक्श ने बिसवाँ विकासखंड के ग्राम टेवला, नकारा एवं बन्नी खरैला में भ्रमण एवं संवाद किया। उन्होंने किसानों को जल प्रबंधन, फसल विविधीकरण, मृदा परीक्षण, एवं जैविक खेती के लाभों के बारे में जानकारी दी। किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड, जल संरक्षण तकनीक, एवं उन्नत बीजों के चयन की प्रक्रिया समझाई गई।
टीम-2 में डॉ. आनंद सिंह एवं डॉ. शिशिर कान्त सिंह के साथ ए.डी.ओ-कृषि श्री राज कुमार वर्मा, ए.डी.ओ-फसल सुरक्षा, सिद्धार्थ आर्य, उद्यान निरीक्षक- राजीव गुप्ता, विषय वास्तु विशेषज्ञ- श्याम सिंह, पशुधन प्रसार अधिकारी- राम कृष्ण वर्मा, विशाल सिंह, पंकज कुमार आदि शामिल रहे, जिन्होंने लहरपुर विकासखंड के ग्राम महपुदपुर, बैनिराय एवं गेरूहा में कार्यक्रम किए। उन्होंने किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, डिजिटल कृषि पोर्टल, प्राकृतिक खेती के सिद्धांत, एवं उन्नत कृषि यंत्रों के प्रयोग के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। किसानों ने इन योजनाओं में विशेष रुचि दिखाई और ऑन-द-स्पॉट आवेदन प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त की।
टीम-3 का नेतृत्व उप कृषि निदेशक श्री श्रवण कुमार सिंह एवं डॉ. दया एस. श्रीवास्तव ने किया, जिनके साथ ICAR-NBFGR (भारतीय मत्स्य आनुवंशिकी संसाधन संस्थान) लखनऊ से आए वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संजय सिंह (मुख्य तकनकी अधिकारी) एवं डॉ. विकास साहू (तकनीकी अधिकारी), विषय वास्तु विशेषज्ञ -शिव कुमार, पवन कुमार, संजय अवस्थी, आयुष, सुजीत कुमार, राम खेलावन, नितेश सिंह, शिव कुमार आदि उपस्थित रहे। इस टीम ने खैराबाद विकासखंड के ग्राम सरैया मलूही, बैनेहटा एवं उमरिया में कार्यक्रम आयोजित किए। इस टीम द्वारा मुख्य रूप से एकीकृत मत्स्य पालन प्रणाली, जल गुणवत्ता प्रबंधन, मछलियों की उच्च नस्लों, एवं व्यावसायिक मत्स्य पालन की तकनीकों पर किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। ग्रामीणों ने मत्स्य पालन को आय का एक वैकल्पिक स्रोत मानते हुए इसमें विशेष रुचि दिखाई।
इन सभी कार्यक्रमों में कृषि विभाग, उद्यान विभाग एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने सक्रिय भागीदारी की। विभागीय विशेषज्ञों ने किसानों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं जैसे – एक जनपद एक उत्पाद (ODOP), किसान उत्पादक संगठन (FPO), जैविक खेती योजना, उद्यान मिशन, सहकारी समितियों की भूमिका, तथा बीज वितरण एवं कृषि ऋण योजनाओं की जानकारी दी।
इन कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग एवं समन्वय का कार्य डॉ. शैलेन्द्र सिंह एवं डॉ योगेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा किया गया, जिन्होंने समस्त टीमों से प्रतिदिन की गतिविधियों का फीडबैक प्राप्त कर रिपोर्टिंग की। उन्होंने बताया कि यह अभियान न केवल तकनीकी जानकारी का माध्यम रहा, बल्कि किसानों में आत्मविश्वास एवं नवाचार की भावना जाग्रत करने में भी सफल रहा।
कुल 9 ग्रामों में आयोजित इन कार्यक्रमों में किसानों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। महिला किसानों की भागीदारी भी सराहनीय रही। कई गाँवों में स्थानीय नवयुवकों एवं छात्राओं ने पर्यावरण संरक्षण, जैविक खेती, और जल संरक्षण पर संक्षिप्त प्रस्तुतियाँ दीं, जिससे ग्रामीण समुदाय में उत्साह का माहौल रहा।
कृषि विज्ञान केंद्र, कटिया, सीतापुर द्वारा समन्वित रूप से आयोजित यह कार्यक्रम जिले के कृषि परिदृश्य में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में एक प्रभावशाली पहल साबित हो रहा है। किसानों ने सरकार की इस पहल की सराहना करते हुए अनुरोध किया कि भविष्य में भी इस प्रकार के तकनीकी कार्यक्रम ग्राम स्तर पर निरंतर आयोजित किए जाएँ, जिससे ग्रामीण अंचलों में कृषि विकास को नई गति मिल सके।