भीतरगांव में बिना पंजीकरण चल रहा था बड़ा अस्पताल, छापेमारी में नाबालिग स्टाफ मिले…

भीतरगांव में बिना पंजीकरण चल रहा था बड़ा अस्पताल, छापेमारी में नाबालिग स्टाफ मिले…

कानपुर : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भीतरगांव में सोमवार को वैक्सीन प्रीवेंटेबल डिजीज के संबंध में आयोजित वर्कशॉप के दौरान चिकित्सालय निरीक्षण के समय एक बड़ा मामला सामने आया। मरीजों के परिजनों ने शिकायत की कि कस्बा भीतरगांव में विकास यादव नामक व्यक्ति अपने आप को डॉक्टर बताते हुए बिना किसी पंजीकरण के एक बड़ा अस्पताल संचालित कर रहे हैं। आरोप है कि अस्पताल में नाबालिग स्टाफ मरीजों का इलाज कर रहा है और उनकी जान से खिलवाड़ हो रहा है।

शिकायत का संज्ञान लेते हुए चिकित्सा अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भीतरगांव की टीम ने मौके पर जाकर तथाकथित डॉक्टर विकास यादव के अस्पताल पर छापेमारी की। निरीक्षण में पाया गया कि अस्पताल पूर्णतः अपंजीकृत है और मानकों के विपरीत संचालित किया जा रहा है। अस्पताल परिसर में बड़ी मात्रा में एलोपैथिक दवाओं का भंडारण मिला, वहीं चार से पांच गंभीर रोगी भर्ती थे, जिन पर आईवी फ्लूड चढ़ाया जा रहा था।

निरीक्षण के दौरान दो स्टाफ मौके पर मिले जिनकी उम्र लगभग 18 वर्ष से कम पाई गई। एक ने अपना नाम माही और दूसरी ने आयुषी बताया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि अस्पताल का संचालन विकास यादव करते हैं। फोन पर रघुराज सिंह यादव, जो विकास यादव के पिता हैं, ने स्वयं को अस्पताल का मैनेजर बताया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं कर सके कि अस्पताल पंजीकृत है या नहीं। बाद में यह भी सामने आया कि पिता-पुत्र दोनों मिलकर उक्त अस्पताल का संचालन करते हैं।

निरीक्षण के बाद रघुराज सिंह यादव को नोटिस जारी किया गया है। तय समय पर जवाब न देने की स्थिति में भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई के लिए संबंधित थाने को रिपोर्ट भेजी जाएगी।

छापेमारी की सूचना मिलते ही क्षेत्र के अन्य झोलाछाप चिकित्सकों ने अपनी क्लीनिकें बंद कर दीं और मौके से फरार हो गए।

Manoj Shukla

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *