अपहरण में दोषी को सात साल का हुआ कारावास

-एडीजे कोर्ट संख्या-5 ने सुनवाई के बाद किया आदेश
-दोषी पर हुआ 50 हजार जुर्माना, नहीं देने पर 6 माह की कैद
अकबरपुर थाना क्षेत्र के नसरतपुर गांव में पांच साल पहले युवक के अपहरण व हत्या के मामले में शनिवार को एडीजे कोर्ट संख्या-5 में सजा के बिंदु पर सुनवाई की। मामले में कोर्ट ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद दोषी को सात साल की सजा सुनाई। इसके साथ ही उसपर 50 हजार रुपये जुर्माना भी किया।
अकबरपुर क्षेत्र के बारा गांव के मजरा नसरतपुर निवासी गोपालकृष्ण उर्फ बंटे 6 अक्टूबर 2020 को अपने साथी मुकेश सिंह के साथ घर से निकला था। इसके बाद वह लापता हो गया था। तलाश के बाद भी उसका पता नहीं चलने पर उसकी मां रामप्यारी ने 22 अक्टूबर 2020 को गांव के मुकेश सिंह व विकास सिंह के अलावा गजनेर थाना क्षेत्र के मंगलपुर के रहने वाले अंकुर बाजपेई के खिलाफ पुत्र के अपहरण करने का मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपितों ने पूछताछ में गोपाल कृष्ण की गला घेाटकर हत्या करने के बाद शव सेंगुर नदी में फेंकने की बात कही थी। इसके बाद पुलिस ने तीनों का चालान कर उनके खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित किया था। इस मुकदमें की सुनवाई एडीजे पूनम सिंह की कोर्ट संख्या- 5 में हो रही थी। शुक्रवार को सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने हत्या कर साक्ष्य छिपाने के मामले में पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने से तीनों को दोषमुक्त कर दिया था। जबकि अपहरण के मामले में आरोपित मुकेश सिंह को अपहरण का दोषी करार दिया। एडीजीसी राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि शनिवार को सजा के बिुदु पर अदालत में सुनवाई की गई। इसमें अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने दोषी मुकेश सिंह पुत्र त्रिभुवन को सात साल के कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही उसपर 50 हजार रुपये जुर्माना भी किया। उन्होंने बताया कि जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषी को छह माह के अतिरिक्त कारावास का भी आदेश किया गया है।